Friday, October 26, 2018

असिस्टेंट प्रोफेसरों के बैकलॉग पदों पर भर्ती के मामले में घिरा MPPSC

उच्च शिक्षा विभाग द्वारा लंबे समय बाद की जा रही असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती में समस्याएं खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। इस पूरे मामले में विभाग द्वारा समस्याओं का समाधान करने के बजाय इसे उलझाने का प्रयास किया जा रहा है।


सुप्रीम कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती में बैकलॉग के पदों के मामले में जारी नोटिस का जवाब उच्च शिक्षा विभाग एवं मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) द्वारा पेश नहीं किया जा सका। सुप्रीम कोर्ट ने विभाग को जवाब देने का एक अंतिम मौका दिया है।

जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में नोटिस जारी किया था, इसकी कॉपी उच्च शिक्षा विभाग को एक महीने पूर्व प्राप्त हो चुकी है। इसके कारण उच्च शिक्षा विभाग एवं एमपीपीएससी के अधिकृत अधिवक्ताओं ने नोटिस प्राप्त होने के संबंध में अपना वकालतनामा कोर्ट को लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केवल यह पाया कि केवल वकालतनामा जमा किया गया है और कोई जवाब नहीं आया है।

उल्लेखनीय है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा हाईकोर्ट में भी कोई जवाब नहीं दिया गया था। इन तथ्यों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जवाब प्रस्तुत करने के लिए एक अवसर और विभाग को प्रदान किया है। सुप्रीम कोर्ट में आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. देवेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा लगाई याचिका में पैरवी आदर्श त्रिपाठी एवं अन्य वकीलों द्वारा की जा रही है।

विभाग क्यों नहीं दे रहा जानकारी

एससी/एसटी एक्ट-1994 की धारा 3 व 4 में स्पष्ट उल्लेख है कि अंतिम विज्ञापन में जो पद नहीं भरे गए थे, वही बैकलॉग कहलाएंगे। जिसको आगामी पांच साल में या दो बार में बैकलॉग की भर्ती करना आवश्यक है। जबकि, उच्च शिक्षा विभाग बैकलॉग की भर्ती पांच बार एवं 27 साल में करना चाह रहा है, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है।

विभाग स्वीकृत पदों के आधार पर बैकलॉग के पदों की गणना कर रहा है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व आदेशों में यह स्पष्ट कर दिया है कि अंतिम विज्ञापन में एससी/एसटी के जो पद नहीं भरे गए थे, उतने ही पद भरे जाएं।

विभाग द्वारा वर्ष-1990 में जो भर्ती की गई थी, उसमें रसायन शास्त्र, गृह विज्ञान, संस्कृत, मराठी एवं फारसी आदि विषयों में विज्ञापन ही नहीं हुआ है। लेकिन विभाग ने उक्त विषयों में भी नियम विरुद्ध बैकलॉग की गणना कर भर्ती कर ली है। उक्त परिस्थितियों को देखते हुए विभाग अब कोई जवाब देने के बजाय टाल-मटोल कर रहा है।

Wednesday, October 10, 2018

MP SET 2018: परीक्षा के लिए नोटिफिकेशन जारी, इस दिन से कर सकते करेक्शन

मध्यप्रदेश लोक सेवा ओयोग (एमपीपीएससी) ने मध्यप्रदेश स्टेट एलिजीबिलिटी टेस्ट (एमपी एसईटी) 2018 के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। 

एमपी एसईटी परीक्षा सहायक प्रोफेसर की भर्ती के लिए होगी। इस परीक्षा के लिए योग्य और इच्छुक उम्मीदवार एमपीएससी की ऑफिशइयल वेबसाइट www.mppsc.nic.in पर जाकर 11 अक्टूबर से आवेदन कर सकते हैं। 

एमपीएससी सीईटी परीक्षा 19 विभिन्न विषयों के लिए आयोजित कराएगा। मध्यप्रदेश लोक सेवा ओयोग एसईटी परीक्षा हर साल आयोजित करता है। इस परीक्षा का पैटर्न नेट के समान होता है। 

नोटिफिकेशन की डायरेक्ट लिंक - यहां क्लिक करें। 

MP SET 2018 परीक्षा की महत्वपूर्ण तिथि

आवेदन करने की प्रारंभिक तिथि - 11 अक्टूबर 2018

आवेदन करने की अंतिम तिथि - 11 नवंबर 2018

आवेदन फॉर्म सुधार सुधार तिथि -  14 अक्टूबर 2018 से 14 नवंबर 2018

एग्जाम पैटर्न 

एम एसईटी परीक्षा के दो पेपर होंगे। पहला पेपर अनिवार्य और दूसरा पेपर सब्जेक्ट वाइज होगा। पहले पेपर में सामान्य जागरूकता, शिक्षण और रिचर्स ऐप्टिट्यूड के 50 एमसीक्यू (MCQ) वाले प्रश्न होंगे, जिनको हल करने के लिए 1 घंटे का समय मिलेगा। दूसरे पेपर में 100 प्रश्न होंगे जिनको हल करने के लिए 120 मिनट मिलेंगे। 

Thursday, June 07, 2018

मप्र पीएससी : कॉपी छुए बगैर होगा मूल्यांकन, नहीं होगी हेरफेर

मप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं की कॉपियां मूल्यांकनकर्ता बिना हाथ लगाएं जांचेंगे। पीएससी कॉपियों को कम्प्यूटर से जंचवाने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में पहला कदम आगे बढ़ा दिया गया है। नए सिस्टम में मूल्यांकनकर्ता सिर्फ कॉपियों की डिजिटल इमेज को देख और पढ़ सकेंगे। इससे हेरफेर की आशंका भी खत्म होगी।
पीएससी तीन साल से इस नए सिस्टम पर विचार कर रहा है। इसके तहत सब्जेक्टिव परीक्षाएं यानी ऐसी परीक्षाएं जिसकी कॉपियों पर वर्णनात्मक उत्तर लिखे जाते हैं। ऐसी परीक्षाओं की कॉपियों को स्कैन कर उनकी इमेज फाइल बनाई जाएगी। जांचने के लिए मूल कॉपियों के बजाए मूल्यांकनकर्ताओं के कम्प्यूटर पर कॉपियों के पेज डिसप्ले होंगे। मूल्यांकनकर्ता सॉफ्टवेयर के जरिये सिस्टम पर ही हर कॉपी के पेज पर नंबर देंगे। इस तरह न केवल कॉपियों के भीतर मूल्यांकन के दौरान किसी तरह का हेरफेर हो सकेगा। बल्कि कम्प्यूटर इमेज के रूप में रिकॉर्ड अरसे तक सुरक्षित भी रह सकेगा।
कंपनी करेगी स्कैन
पीएससी नए सिस्टम पर अमल के लिए अरसे से कोशिश कर रही है। इस दिशा में सबसे जरूरी और लंबी प्रक्रिया कॉपियों के हर पेज को स्कैन कर सेव करना है। पीएससी ने इस प्रक्रिया के टैंडर जारी कर आईटी कंपनियों को आमंत्रित किया है। एक बार पहले भी पीएससी ने ऐसा टैंडर जारी किया था। हालांकि तब किसी भी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई थी। पीएससी ने दोबारा कोशिश शुरू की है। उम्मीद है इस बार कंपनियां आगे आएंगी।
इधर, मुख्यालय पर प्रदर्शन
पीएससी मुख्यालय के बाहर बुधवार दोपहर कुछ उम्मीदवारों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के उम्मीदवार थे। वे परीक्षा को रोकने की आशंका से नाराज थे। बीते दिनों दिए मंत्री राजेंद्र शुक्ल के बयान का विरोध करते हुए उन्होंने उनका पुतला फूंका। मंत्री ने कहा था कि प्रोफेसर भर्ती परीक्षा को रद्द कर कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे शिक्षकों को ही कॉलेज में नियमित किया जाना चाहिए। उम्मीदवार के मुताबिक मंत्री की सलाह पर यदि अमल किया गया तो कई योग्य युवाओं के हाथ से मौका छीन जाएगा।

Rivers of Madhya Pradesh

Madhya Pradesh, a state in north-central India, is subtropical with substantial (1,400 mm (55.1 in)) monsoon rains that feed a large number ...