Thursday, June 07, 2018

मप्र पीएससी : कॉपी छुए बगैर होगा मूल्यांकन, नहीं होगी हेरफेर

मप्र लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं की कॉपियां मूल्यांकनकर्ता बिना हाथ लगाएं जांचेंगे। पीएससी कॉपियों को कम्प्यूटर से जंचवाने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में पहला कदम आगे बढ़ा दिया गया है। नए सिस्टम में मूल्यांकनकर्ता सिर्फ कॉपियों की डिजिटल इमेज को देख और पढ़ सकेंगे। इससे हेरफेर की आशंका भी खत्म होगी।
पीएससी तीन साल से इस नए सिस्टम पर विचार कर रहा है। इसके तहत सब्जेक्टिव परीक्षाएं यानी ऐसी परीक्षाएं जिसकी कॉपियों पर वर्णनात्मक उत्तर लिखे जाते हैं। ऐसी परीक्षाओं की कॉपियों को स्कैन कर उनकी इमेज फाइल बनाई जाएगी। जांचने के लिए मूल कॉपियों के बजाए मूल्यांकनकर्ताओं के कम्प्यूटर पर कॉपियों के पेज डिसप्ले होंगे। मूल्यांकनकर्ता सॉफ्टवेयर के जरिये सिस्टम पर ही हर कॉपी के पेज पर नंबर देंगे। इस तरह न केवल कॉपियों के भीतर मूल्यांकन के दौरान किसी तरह का हेरफेर हो सकेगा। बल्कि कम्प्यूटर इमेज के रूप में रिकॉर्ड अरसे तक सुरक्षित भी रह सकेगा।
कंपनी करेगी स्कैन
पीएससी नए सिस्टम पर अमल के लिए अरसे से कोशिश कर रही है। इस दिशा में सबसे जरूरी और लंबी प्रक्रिया कॉपियों के हर पेज को स्कैन कर सेव करना है। पीएससी ने इस प्रक्रिया के टैंडर जारी कर आईटी कंपनियों को आमंत्रित किया है। एक बार पहले भी पीएससी ने ऐसा टैंडर जारी किया था। हालांकि तब किसी भी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई थी। पीएससी ने दोबारा कोशिश शुरू की है। उम्मीद है इस बार कंपनियां आगे आएंगी।
इधर, मुख्यालय पर प्रदर्शन
पीएससी मुख्यालय के बाहर बुधवार दोपहर कुछ उम्मीदवारों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा के उम्मीदवार थे। वे परीक्षा को रोकने की आशंका से नाराज थे। बीते दिनों दिए मंत्री राजेंद्र शुक्ल के बयान का विरोध करते हुए उन्होंने उनका पुतला फूंका। मंत्री ने कहा था कि प्रोफेसर भर्ती परीक्षा को रद्द कर कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे शिक्षकों को ही कॉलेज में नियमित किया जाना चाहिए। उम्मीदवार के मुताबिक मंत्री की सलाह पर यदि अमल किया गया तो कई योग्य युवाओं के हाथ से मौका छीन जाएगा।

No comments:

Post a Comment

Rivers of Madhya Pradesh

Madhya Pradesh, a state in north-central India, is subtropical with substantial (1,400 mm (55.1 in)) monsoon rains that feed a large number ...